Getting My लेडीज चेस्ट बढ़ाने के उपाय To Work
Getting My लेडीज चेस्ट बढ़ाने के उपाय To Work
Blog Article
जिस तरह से आपके बाल, आंख, कद , त्वचा का रंग आपके माता पिता पर निर्भर करता है उसी प्रकार लड़कियों के स्तन का आकार उनकी माता पर निर्भर करता है।
और पढ़ें: स्तनपान के दौरान ब्रा कैसी पहननी चाहिए?
अब आप सुविधानुसार इस मुद्रा में रहें। सांस छोड़ते हुए आसन से सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।
वजन ऊपर ले जाते हुए सांस छोड़ें और वजन नीचे अपनी छाती के पास लाते हुए सांस लें।
जो लड़कियां अपने स्तनों के छोटे साइज को लेकर परेशान रहती है। उनके लिए यह जानना जरुरी है की ब्रैस्ट न बढ़ने के कारण क्या है।
सही साइज के ब्रा का चुनाव करें, यह ब्रेस्ट ग्रोथ टिप्स काफी महत्वपूर्ण है।
हमने लेख में ब्रेस्ट का आकार बढ़ाने के आसान तरीके, एस्ट्रोजन युक्त खाद्य पदार्थों और अन्य सुझाव भी दिए हैं। आप इन्हें फॉलाे कर सकते हैं। इन्हें अपनाने के बाद भी असर होने में थोड़ा वक्त लग सकता है। ऐसे में स्तनों का आकार तेजी से बढ़ाने के उपाय न के बराबर हैं, क्योंकि हर किसी का शरीर अलग-अलग होता है, ऐसे में इस प्रक्रिया में अंतर हो सकता है।
सुडौल website और बड़े आकार के स्तन पाने में व्यायाम हमेशा ही सबसे उपयोगी साबित हुए हैं। स्तन को बढ़ाने के लिए आप पुश-अप, डम्बल से ब्रेस्ट प्रेस, वाल प्रेस आदि व्यायाम कर सकती है। इन व्यायामो में बाजुओं और कंधों की गतिविधियाँ भी शामिल है जो स्तन क्षेत्र के आसपास की त्वचा और मांसपेशियों के ऊतकों को टोन करती है। इससे आपके स्तनों को मजबूती मिलेगी और बड़े दिखाई देंगे।
लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें
गुडगाँव के ऑब्स्टट्रिशन एंड गयनेकोलॉजिस्ट
ब्रेस्ट बढ़ाने के घरेलू उपाय: लेडीज चेस्ट बढ़ाने के उपाय
जानें बिना सर्जरी के ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के उपाय
पर्की ब्रेस्ट का मतलब होता है वे स्तन जो एक अच्छे आकार के होते हैं। सभी महिलाओं का सपना होता है कि उनके स्तन सुडौल हो। ऐसी विचारधारा महिलाओं में होती है कि पुरुषों को पर्की ब्रेस्ट पसंद होते हैं और वे सेक्स के दौरान पुरुषों को ज्यादा एक्साइटेड करते हैं। इसके लिए महिलाएं पर्की ब्रेस्ट या ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के उपाय ढूंढती रहती हैं।
ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव या इंसुलिन-सेंसिटाइज़िंग जैसी दवाएं पीसीओएस जैसे हार्मोनल इंबैलेंस के लिए काम कर सकती हैं.
Report this page